सागवान का पेड़ - सागवान के पेड़ की कीमत - shagun tree
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| Shagun tree |
हाइब्रिड सागवान की खेती करके सागवान का पेड़ से सागवान की लकड़ी तैयार कर सागवान की लकड़ी का अच्छा मूल्य प्राप्त कर सकते है।
दोस्तों आप सागौन की खेती कर सागवान की लकड़ी से महीने का लाखों रुपए कमा सकते हैं। सागवान की लकड़ी को सारे लकड़ियों का राजा कहा जाता है क्योंकि सागवान की लकड़ी जैसे मजबूती और किसी पेड़ की लकड़ी में नहीं पाई जाती है।
सागवान का पेड़ भारत के पूर्व और पश्चिम भाग में सागवान के पेड़ का बहुत महत्व है। अगर आप हाइब्रिड सागौन की खेती करते हैं तो आप आने वाले 10 साल में इस सागवान के पेड़ से करोड़ों रुपए कमाने वाले हैं।
सागवान का पेड़:
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| Sagwan ka ped |
सागवान का पेड़ 100 से 150 fit तक लंबे बढ़ते हैं। सागवान का पेड़ के पत्ते काफी आकार में बड़े होते हैं। सागवान का पेड़ के फूलों का रंग सफेद होता है और इसके फल गोलाकार आकार के होते हैं और यह फल नवंबर से जनवरी महीने के बीच में देखने को मिलते हैं।
सागवान के पेड़ को english में teak कहते हैं।
सागवान के पेड़ का scientific name "tectona grandis" है।
सागवान का पेड़ से बहुत ही हल्का और बहुत ही मजबूत लकड़ी तैयार होती है और यह लकड़ी बहुत लंबे समय तक खराब भी नहीं होती। जिसके चलते सागवान का पेड़ से तैयार लकड़ी को भारी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है।
सागवान का पेड़ से फर्नीचर जैसी जरूरत की चीजें तैयार की जाती है। सागवान का पेड़ के लकड़ी से कुर्सी, बेंच, पलंग, दरवाजे और खिड़कियां और टेबल जैसी बहुत सारी वस्तुएं तैयार की जाती है और इसकी मजबूती के कारण सबसे ज्यादा डिमांड की जाने वाली लकड़ी सागवान का पेड़ की लकड़ी है।
सागवान का पेड़ किस क्षेत्र में पाए जाते हैं:
सागवान का पेड़ भारत के अलावा फिलीपाइन द्वीप, जावा और मलाया प्रायद्वीप तथा बर्मा प्रायद्वीप के देश में पाए जाते हैं।
सागवान का पेड़ भारत के कुछ राज्यों में भी पाए जाते हैं जैसे:- तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश महाराष्ट्र, उत्तर- प्रदेश, गुजरात उड़ीसा और राजस्थान जैसे कुछ राज्य में पाए जाते हैं।
सागवान का पेड़ एक सदाबहार पेड़ है। सागवान का पेड़ शुष्क क्षेत्र में अक्सर पाए जाते हैं। सागवान का पेड़ की खेती के लिए जलोढ़ मिट्टी सबसे उपयुक्त मिट्टी मानी जाती है।
सागवान के पेड़ की कीमत:
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| Sagwan ka ped |
Sagwan की लकड़ी से पैसे तभी कमा सकेंगे, जब आप इसकी खेती अभी से शुरू कर देंगे। इसके लिए आपको सागवान के छोटे-छोटे पौधे लगाने होंगे और उस पौधे की बाजार में कीमत 400 रुपए से लेकर 700 रुपए तक है।
आप जितनी अच्छी क्वालिटी के सागवान का पेड़ पौधा लगाएंगे, वह उतनी ही जल्दी आपको मुनाफा कमाकर देगी।
सागवान का पौधा को एक विशाल पेड़ बनने में 10 से 12 साल का समय लग जाता है। लेकिन 10 साल के बाद यही एक पेड़ की कीमत 70 हजार से ज्यादा की हो जाएगी।
अगर आपने अधिक मात्रा में sagwan ka ped लगाया है तो 10 सालों के बाद यही sagwan ka ped आपको करोड़ पति बना देगी।
यदि आपने एक एकड़ के जमीन पर सागवान की खेती कर रखी है तो आपको करोड़पति बनने से कोई नही रोक सकता।
सागवान की लकड़ी की कीमत:
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| Sagwan ka ped |
साल 2018 में सागवान की लकड़ी यानी एक पेड़ की कीमत 50 हजार के उपर थी,और अभी का market price 5000 हजार रुपए प्रति घन फिट है।
अगर प्रति पेड़ 15 घन फिट के हिसाब से कीमत तय की जाए तो 15× ₹5000=75,000 हजार होंगे।
अगर आपने एक एकड़ जमीन पर 500 सागवान का पेड़ लगाए होंगे तो एक पेड़ की price 75k हजार रुपए है तो 500 पेड़ की कीमत 75000×500= 3,75,00,000 मतलब 3 करोड़ 75 लाख के मालिक आप हैं।
भारत में सागवान के प्रकार:
- भारत में सागवान के कई प्रकार हैं।
- नागपुर सागवान
- मैसूर सागवान
- दंडेती सागवान
- कोन्नी सागवान
- गोदावरी सागवान
- अदिलाबाद सागवान
- पश्चिमी अफ्रीकन सागवान
- दक्षिणी और मध्य अमेरिकन सागवान
- नीलांबर सागवान
- बर्मी सागवान
- ब्रूनेई सागवान
- ब्राजील सागवान
सागवान की खेती कैसे करें:
अगर आप सागवान की खेती करना चाहते हैं तो आपके पास एक उपयुक्त भूमि का होना जरूरी है जहां पर आप सागवान के छोटे-छोटे पौधे को लगा सकते हैं।
सागवान के खेती के लिए जलोढ़ मिट्टी सबसे ज्यादा उपजाऊ मिट्टी होती है जिसमें सागवान के पौधे को बढ़ने में भरपूर मात्रा में शैल और शिष्ट से युक्त मिट्टी होती है।
पौधों के बीच का अंतराल
सागवान के पौधे को लगाते समय यह ध्यान रखें कि हर पौधा 4 मीटर स्क्वायर फीट 4m×4m की अंतराल दूरी पर हो जिससे कि सागवान के पौधे को बढ़ने के लिए अच्छी जगह मिलती है। जिससे इसके शाख और तने तेजी से फैलती हैं और सागवान के पौधे को भरपूर मात्रा में धूप की रोशनी भी मिलती है।
सही भूमि का चुनाव
सागवान के पेड़ की रोपन के लिए सही भूमि का चुनाव करना जरूरी है क्योंकि तभी आपको इसका अच्छा नतीजा देखने को मिलेगा। सागवान की खेती के लिए स्क्वायर जमीन और ढाल वाली भूमि हो तो बेहतर है।
खाद का नियमित इस्तेमाल
सागवान के पेड़ को लगाने से पहले आप निरंतर दूरी पर गड्ढे खोदे और उस गड्ढे में ऑर्गेनिक खाद वाली मिट्टी का प्रयोग जरूर करें। हर गड्ढे में कम से कम 100 ग्राम खाद का प्रयोग जरूर करें।
खर-पतवार पर ध्यान
सागवान की अच्छी उपज के लिए आपको खरपतवार पर ध्यान देना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। (सागवान के पौधे के साथ-साथ उग आने वाले बेकार घास-फूस को खर-पतवार कहते हैं) सागवान का पेड़ रोपण के शुरुआती 2 से 3 साल आपको खरपतवार पर नियंत्रण करना जरूरी है।
शुरुआती साल में तीन बार खर-पतवार को हटाना जरूरी है और उसके दूसरे साल 2 बार खर-पतवार हटाए और तीसरे साल में अगर एक बार ही खरपतवार हटाए तो चलेगा।
सागवान का पेड़ का छटनीकरण:
जब सागवान, पौधा से पेड़ बनने लग जाए तो आपको प्रत्येक साल सागवान का पेड़ की छटनी करण करना जरूरी है जिससे कि इसकी लंबाई मोटाई तेजी से विकसित हो सके।
छटनीकरण करने का मतलब यह है कि इसकी डालियों को प्रत्येक वर्ष छांटना। डालियों का छटनी करने से सागवान का पेड़ बहुत ही तेजी से बढ़ती है।
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महत्वपूर्ण बातें:
- सागवान के पेड़ को स्वस्थ रखने संबंधी बातें और खर्च की जानकारी के लिए आप अपने नजदीकी वन विभाग अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
- मॉनसून शुरू होने से ठीक पहले सागवान के पेड़ की रोपनी का काम शुरू करें।
- अगर आप सागवान के पेड़ की खेती करना चाहते हैं तो सबसे पहले आप उस जगह की नमी और तापमान की जांच अवश्य कर लें।
- सागवान की खेती के लिए नमी और उष्ण कटिबंधीय वाले क्षेत्र उत्तम होते हैं।
- सागवान की खेती के लिए 15 से 40 डिग्री वाले तापमान जगह और 1000mm से अधिक बारिश वाली स्थान उत्तम होती है।





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